संवाददाता अखिलेश विश्वकर्मा गढ़वा से श्री श्री ठाकुर अनुकूल चन्द्र जी के अनुयायियों द्वारा सत्संग उपासना केंद्र उर्जित्पा जंगीपुर में शनिवार को संध्या समय साप्ताहिक सत्संग का आयोजन किया गया।
जिसका शुभारंभ दीप प्रज्वलन, शंख ध्वनि, वंदे पुरुषोत्तम ध्वनि के साथ किया गया।तत्पश्चात सामूहिक संध्याकालीन प्रार्थना, समवेत नामजप ध्यान, सत्यानुसरण ग्रन्थ पाठ, नारीनीति ग्रन्थ पाठ किया गया।माला माँ, आकांक्षा कुमारी, पूजा देवी, गीता देवी,अनिता देवी द्वारा सामूहिक भजन प्रस्तुत किया गया। इष्टचर्चा करते हुए ऋत्विक विजय नंदन सिन्हा ने कहा कि सत्संग की गंगा में जो भी जीव स्नान करता है वह पवित्र हो जाता है।
ईश्वर की असीम कृपा से ही मनुष्य को सत्संग की प्राप्ति होती है,जिससे मानव का मन निर्मल हो जाता है।मानव का जन्म अपने गुरु, भगवान, ईश्वर के आदेशों का पालन करने तथा सभी जीवों से प्रेम करने के लिए हुआ है। उन्होंने श्री हनुमान जी की कथा का वर्णन करते हुए कहा कि जब हनुमान जी समुद्र के किनारे भगवान श्री रामचन्द्र जी का नाम का स्मरण कर रहे थे,तो उस समय जामवंत जी ने हनुमान जी को उनके वल का स्मरण कराया तो हनुमान जी को कोई भी असर नहीं पड़ा,वे राम का नाम जपते रहे, लेकिन जैसे ही जामवंत जी ने कहा कि हनुमान तुम्हारा अवतार राम कार्य करने के लिए हुआ है ऐसा वाक्य सुनते ही हनुमान जी पर्वत के समान विशालकाय हो गए।इस प्रशंग से हम सभी को शिक्षा मिलती है
कि अपने आप पर अहंकार नहीं करनी चाहिए बल्कि अपने इष्ट कार्य के लिए सदा तत्पर्य रहना चाहिए।सभी मानव को सत्संग से जोड़ना ही इष्ट कार्य है।सत्संग का विश्राम जय उदघोष के साथ किया गया। अंत में प्रसाद वितरण तथा अल्पाहार किया गया।सत्संग कार्यक्रम में राज कुमार दा, संजय दा, शक्ति दास सिन्हा, अजय दा, श्रवण कुमार,धृतिदीप ,रामचन्द्र दा, पप्पू जायसवाल, रिशु दा,सतवंती देवी, चंचला गुप्ता, निर्मला मां,बृंदा देवी, दीपमाला अंबष्ट, मधु अंबष्ट,सहित अनेक लोग उपस्थित थे।